पूज्य गुरुदेव समाज के विभिन्न अंगों के लिए, उनकी सर्वांगीण उन्नति हेतु विशेष संदेश देते आए हैं। समाज का एक महत्त्वपूर्ण अंग हैं युवा। युवा शक्ति एक बहुत बड़ी शक्ति होती है जो समाज में आमूलाग्र परिवर्तन ला सकती है, समाज को संतुलित रखकर उसे विकास की ओर ले जा सकती है,एक नवयुग का निर्माण कर सकती है। इसके लिए आवश्यक है कि युवा पीढ़ी स्वयं संतुलित हो, अपने लक्ष्य से परिचित हो, उस लक्ष्य पर अडिग रहे। विशेषकर आजके बुद्धिवाद, भौतिकवाद तथा तंत्रज्ञान के युग में युवा पीढ़ी का भ्रमित होने की वजह से एकतर्फा विकास होना एक असंतुलित समाज का निर्माण कर सकता है। इसीलिए विकास की सही दिशा दिखाने वाले, सही विकास के लिए प्रेरित करने वाले ये संदेश बहुमूल्य साबीत होंगे क्योंकि ये संदेश देने वाले एक द्रष्टा हैं जो भविष्य में आने वाली वैश्विक समस्याओं को जानकर समाज को सतर्क कर रहे हैं।
हमें विश्वास है, पाठक इन संदेशों की गहराई को समझकर उनका उचित लाभ लेंगे।